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ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ?

 

ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ? Motivation, successful, aim, MLM, network marketing, direct selling

ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ?

आपके काम में या आपके आस पड़ोस के मित्रो में आपको कोई गंभीरता से नहीं लेता तो आप सही जगह पर आए है। आज हम गंभीरता का गंभरतापूर्वक अध्ययन करेंगे। जैसे,

१) गंभीरता का अर्थ क्या है?
२) गंभीरता क्या होती है? 
३) गंभीरता का महत्व क्या है? 
४) ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ?

इन सभी प्रश्नों के जवाब खोजने की कोशिश करेंगे। ता की आपको आपके व्यवसाय के और आस पास के लोग गंभीरता से ले। आपकी बात गंभीरतापूर्वक सुने।

गंभीरता का अर्थ क्या है?

गंभीरता का अर्थ है ध्यानपूर्वक (पूरी सुधबुध से)


गंभीरता क्या होती है?

गंभीरता उस अवस्था को कहा जाता है जिस अवस्था में आप पूरे मन से पूरा ध्यान लगाकर किसी कि बात सुनते है । जिसे इंग्लिश में seriousness, consciousness भी कहा जाता सकता है। इस अवस्था मै हमारा पूरा ध्यान सामने वाले व्यक्ति या किसी काम पर केन्द्रित होता है।


 ३) गंभीरता का महत्व क्या है? 

हमारे जीवन में गंभीरता का बहुत ही बड़ा महत्व है, यदि हमने गंभीरता को गंभीरतापूर्वक नहीं लिया तो हमारा जीवन गंभीर अवस्था में परिवर्तित हो जाएगा। कहा जाता है कि गंभीरतापूर्वक किया गया कोई भी काम कभी विफल नहीं होता।

उदा.

१) एक विद्यार्थी गंभीरता से अभ्यास करता है तो उसे परीक्षा में सफलता अवश्य मिलती है।
 २) एक व्यवसाई अपने व्यवसाय को पूर्ण गंभीरतापूर्वक करता है तो उसे उसके व्यवसाय में सफलता अवश्य मिलती है।


ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ?

ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ? आपके काम में या आपके आस पड़ोस के मित्रो में आपको कोई गंभीरता से नहीं लेता तो आप सही पोस्ट पर है। आज हम गंभीरता का गंभरतापूर्वक अध्ययन करेंगे। जैसे,  १) गंभीरता का अर्थ क्या है? २) गंभीरता क्या होती है?  ३) गंभीरता का महत्व क्या है?  ४) ऐसा क्या करे की लोग हमें गंभीरता से लें ? इन सभी प्रश्नों के जवाब खोजने की कोशिश करेंगे। ता की आपको आपके व्यवसाय के और आस पास के लोग गंभीरता से ले। आपकी बात गंभीरताूर्वक सुने।


आमतौर की जिंदगी में हमने ऐसा कई बार महसूस किया होगा हमारे आपसी बातचीत में चाहे हमारे परिवार के लोग हो या फिर हमारे अपने मित्रों हमें कोई गंभीरता से नहीं लेता‌। यहातक की नया व्यवसाय या नौकरी शुरू करने के लिए हमें बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। शुरुआत में तो यह सब हम अनदेखा कर देते हैं या फिर मामूली बात मान कर टाल दिया जाता है। कई बार हमारी यही आदत गलत साबित होती है।

हमारे मन में कई सवाल आते हैं कि ऐसा क्या करें कि लोग हमारी बात सुने हमें भी गंभीरता से लें... इसका जवाब भी खुद हमारे ही पास है, बस हमें शांत मन से सोचना है और अपने अंदर का आत्मविश्वास बढ़ाना है।

गहरे स्वर में बात करें

अक्सर हमने एक बात सुनी होगी जब तक कोई अपना मुंह नहीं खोलता, तब तक उसके चरित्र की व्याख्या कर सकना मुश्किल है। हमारे बोलने के तरीके से हमारे चरित्र का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यही एक तरीका है व्यक्ति के बोलने के तरीके को भांपना। हमने अक्सर हमारे बुजुर्गों से सुना होगा उन्होंने दुनिया देखी है, उन्हें हमसे ज्यादा तजुर्बा है। वे हमेशा व्यक्ति को पहचान लेते हैं। इसीलिए हमेशा गहरे और मध्यम स्वर में बात करें।

हम यदि धीमा बोलेंगे उससे यही पता चलेगा कि हमारे व्यक्तित्व में आत्मविश्वास की कमी है। जिसका अर्थ यह होगा सामने वाला हमारी बात को या तो झूठ समझेगा या फिर सुनके अनसुना कर देगा। आप के बात करने के स्वर पर बहुत कुछ निर्भर करता है।

हमारी बॉडी लैंग्वेज से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम कैसे है या हमारा वास्तविक स्वभाव कैसा है। जैसे किस तरह से हम व्यवहार करते हैं, कैसे बैठते हैं, आंखों की गतिविधि क्या है, बात करते समय हम में आत्मविश्वास है भी या नहीं। इस सब के आधार पर सच और झूठ का पता लगाया जा सकता है।

अपने स्वर को एक सा रखें ना ऊंचा, ना निचा

हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से अलग होता है। ज़ाहिर है हर व्यक्ति का स्वभाव भी अलग होगा और व्यक्ति का बात करने का अंदाज़ भी अलग होगा। कुछ लोग मीठा बात करते हैं तो कुछ लोग कड़वा बिल्कुल नीम के पत्ते की तरह, लेकिन हर किसी के बोलने का अंदाज कुछ ना कुछ बयां जरूर करता है। कोई धीमा बोलता है तो कोई तेज़ और कोई ऊंचा बोलता है। जो ऊंची आवाज में बोलता है वह स्वभाव के हठी होते हैं। वही धीमी आवाज में बात करने वाले सोचकर बोलते हैं। अगर तेज बात करने वाले की बात की जाए तो वह तेजी से अपनी बात पूरी करना चाहते हैं। उनकी इसी तेजी से बात करने से कभी कभी कुछ समझ नहीं आता है। अगर हमारी बातों में कर करता है वह झगड़ालू होने के संकेत देता है। 

इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जो बात करना चाहते हैं उसे अच्छी तरह से कहें और जो बात नहीं कह पा रहे हैं उसके बारे में न सोचे। हमेशा अपने बोलने का मकसद याद रखें। कभी भी बात करते वक्त झिझकना नहीं।

इस तरह धीरे-धीरे बात करें जैसे शब्द ध्यान से चुन रहे हो

हमेशा बातचीत में सरल शब्दों का इस्तेमाल करें। बातचीत में कठिन शब्दों की जगह सरल शब्दों के इस्तेमाल से आप किसी को भी अपनी बात आसानी से समझा सकते हैं। कभी-कभी अपनी बातों को दोहराना भी अच्छा होता है, इससे जिस व्यक्ति को बात नहीं भी समझी होगी तो भी वह समझ जाएंगे। हमें अपनी बात पूरा करने के बाद व्यक्ति को समय दे अपनी बात समझने का।शब्दों को सोच कर और चुनकर बोला जाए इससे कई बार सामने वाले के मन की बात भी जानी जा सकती है। जैसे की हम अगर बिना कुछ सोचे शब्दों का प्रयोग करें तो हो सकता है कि सामने वाले व्यक्ति को हमारी बातें पसंद ना आए या फिर हमारी बात का उस व्यक्ति को बुरा लगे। इस तरह धीरे-धीरे से बातचीत में रुचि आ जाएगी।

पूरी बांह की शर्ट इंग की हुई शर्ट और लेदर के उम्दा जूते पहने

घर से बाहर जाते वक्त प्रेस किए हुए कपड़े पहने ना कि सलवटो वाले। इससे आपकी पर्सनालिटी पर बुरा असर पड़ता है। हमेशा अपनी पर्सनैलिटी से दूसरों को आकर्षित करें, इससे लोगों को आप में दिलचस्पी बढ़ेगी। आपके कपड़े आपको आकर्षित बनाते हैं, जिससे लोगों को आपसे बात करना पसंद होगा और लोग आपकी बात सुनेंगे।

अक्सर हम दूसरों की देखा देखी में कपड़े पहनते हैं जो बिल्कुल गलत है। हमेशा कपड़े कैसे पहने जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़े। पूरी तरह शर्ट की हुई शर्ट और जूते पहने, इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपनी बात आसानी से बात बता पाएंगे। हमेशा ड्रेसिंग जगह के मुताबिक पहने।

हमेशा हल्का मुस्कुराए

हमने अक्सर सुना होगा कि हमेशा मुस्कुराना चाहिए, पर हल्का मुस्कुराना यह शायद नहीं सुना होगा। लेकिन हल्का मुस्कुराना जरूरी है, क्योंकि यह हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है। बिना वजह ज्यादा मुस्कुराने से भी हमें लोग पागल की नजरों से देखेंगे। हमारी मुस्कुराहट से लोग आकर्षित होना चाहिए ना कि हमसे दूर। हमेशा अपनी सोच में सकारात्मक लाए इससे खुशी का अनुभव करोगे। सच्ची खुशी अपने भीतर होती है यह दूसरों से नहीं आती है। इसलिए भीतर से खुश रहे ताकि हमारे आस पास के व्यक्ति भी खुश रहे। हमसे बातें करें। आपकी मुस्कुराहट से सामने वाले को लगता है कि आप उसे पसंद करते हो, जिससे वह आपसे बात करेंगे। इसलिए चेहरे पर हल्का मुस्कुराहट रखिए लोग आपसे मिलकर खुश होंगे। यदि हम अपने आप को भीतर से खुशनुमा बना ले तो भारी जिंदगी पर भी इसका असर पड़ता है।


बातें करते समय सामने वाले की आंखों में देखें


बातें करते समय सामने वाले की आंखों में देखें

कई बार हम बात करते वक्त डर डर के बात करते हैं या फिर शर्माते हैं जो बिल्कुल गलत है। इससे हमेशा आत्मविश्वास कम पड़ जाता है जिससे लोगों की हमसे बात करने की रुचि नहीं रहती।

इसलिए हमेशा बात करते वक्त लोगों की आंखों में देख कर बात करना चाहिए। इसका फायदा यह होगा हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। अक्सर लोग आत्मविश्वास की कमी से बात करते वक्त हिचकी चाहते हैं और नीचे की ओर देख कर बात करते हैं, जो कि गलत प्रभाव डाल सकता है व्यक्ति के व्यक्तित्व पर जिससे आपकी सही बात भी झूठी लगती है।

बोलते समय हर शब्द का स्पष्ट उच्चारण करें

अगर आपको किसी भी समूह के सामने बोलने को कहा जाए और आप में आत्मविश्वास की कमी है तो आप कुछ बोल नहीं पाएंगे। इसलिए बोलने के प्रति मन में बैठे डर को दूर करना जरूरी है। बोलने का अभ्यास करना चाहिए। अपनी बात इस तरह से कहनी चाहिए कि हर कोई आपकी बात पर गौर करें और शब्दों को स्पष्ट बोले। जिससे आपकी बात लोगों को आसानी से समझे। अपने डर पर आपको विजय पानी होगी और इसके लिए अभ्यास जरूरी है।

झुककर नहीं चले तन कर बैठे

अक्सर हमने लोगों में आत्मविश्वास की कमी से उनके बात करने के ढंग और उनका व्यवहार भी बदलते देखा है। ऐसे में कई बार लोग अपना आत्मविश्वास खो देते हैं। वे अपने आप को अकेला समझने लगते हैं। इसी आत्मविश्वास की कमी की वजह से व्यक्तित्व विकास के अभाव से वे खुद को दूसरों से कम समझने लगते हैं। वे किसी भी सामूहिक भीड़ का हिस्सा भी नहीं बनते। उनमें बोलने का आत्मविश्वास नहीं रहता। ऐसे में हमें अपना आत्मविश्वास पढ़ाना चाहिए जिस बात या जिस चीज को करने में हम घबराते हैं उसे बार-बार करना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा तन कर चलना चाहिए इससे सामने वाले व्यक्ति पर हमारा अच्छा प्रभाव पड़ता है। हमारे चलने और बैठने के ढंग से भी हमारे व्यक्तित्व का पता चलता है। सकारात्मक विचार लाना चाहिए इसलिए हमारे दिनचर्या पर खास ध्यान दें जीवन में सकारात्मकता लाएं।

मेडिटेशन करे

रोजाना सुबह मेडिटेशन करे । सुबह उठते ही अच्छा मेडिटेशन संगीत सुने ।  मेडिटेशन संगीत यहां देखे। 

किसी को भी फिजूल मंडराते नहीं दिखाई दे

अक्सर ऐसा माना जाता है कि समय दुनिया में सब से कीमती चीज है उसे व्यर्थ में यह वहा मंडराते हुए बिताना आपको व्यक्तिगत तौर पर बहुत नुकसान कर सकता है। व्यक्ति को अपना समय यूं ही बर्बाद नहीं करना चाहिए। हम यूं ही अगर फिजूल में मंडराते रहे तो हमारे आस पास के लोगों को हमारे प्रति नकारात्मक विचार आने लगते हैं, जिसके प्रभाव से हमारे व्यक्तिगत जीवन पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम अपना समय व्यर्थ की बातों के बजाय, नई चीजों के बारे में जानने में बिताना होगा। इससे हमारी ज्ञान और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेगा।

आशा है कि इन सब बातो पर काम कर के आप आपके आस पास के लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ सकते है। आप देखेंगे की धीरे धीरे लोग आपका आदर करने लगेंगे और आपकी बातो को गंभीरता से लेना शुरू कर देंगे।

धन्यवाद्

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